जब नाजी कम्युनिस्टों के पीछे आए
मैं खामोश रहा
क्योंकि, मैं नाजी नहीं था
जब उन्होंने सोशल डेमोक्रेट्स को जेल में बंद किया
मैं खामोश रहा
क्योंकि, मैं सोशल डेमोक्रेट नहीं था
जब वे यूनियन के मजदूरों के पीछे आए
मैं बिल्कुल नहीं बोला
क्योंकि,मैं मजदूर यूनियन का सदस्य नहीं था
जब वे यहूदियों के पीछे आए
मै खामोश रहा
क्योंकि, मैं यहूदी नहीं था
लेकिन, जब वे मेरे पीछे आए
तब बोलने के लिए कोई बचा ही नहीं था
क्योंकि, मैं अकेला था
-पीटर मार्टिन जर्मन कवि
Palestine
-
The West inks red lines
filled with beheaded kids,
of people peeled inside out,
And the rest of us hung dry.
Will the winds turn?
If they do, what become...
bahut khoob itihaas aur apna ekakipan dono ka bodh karvaya....
सही बात है। दूसरों पर जुल्म होते देख चुप रहना सब से बड़ी कमजोरी है। शत्रु आप को अकेले अकेले मारना चाहता है। यही कारण है कि जनता को बांटने के लिए जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा के भेद फैलाए जाते हैं।
बढ़िया है..सही कहा!
ha bat shi hai
सही बात है। दूसरों पर जुल्म होते देख चुप रहना सब से बड़ी कमजोरी है
क्या बात है दो बार चाट कर गया आपकी ये कबिता ,
बहुत सही लिखा आपने | जुल्म करना गुनाह है पर जुल्म को देख सह लेना भी एक गुनाह है |