Visit blogadda.com to discover Indian blogs कठफोड़वा: फ़रवरी 2011

तुम्हारा साथ ................!!!

सुबह हो गई है, चलो खेत मैं सोने चलें .......|
तुम सड़क ओढ़ लेना, मैं आसमान बिछा देता हूँ
ज्यादा सर्दी लगे तो गेंहू की हरी बालें भी हैं ओढ़ने के लिए
तुम माटी के ढ़ेले का सिरहाना बना लेना
मैं कुलापे मैं बहते पानी को ||
तुम्हारा साथ ................!!


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