मुक्तक
किसी की तरक़्क़ी विरासत से होती॥
किसी की तरक़्क़ी सियासत से होती।
मगर उनका कहना हमारी तरक़्क़ी-
पुलिस महकमे में हिरासत से होती॥
किसी की तरक़्क़ी सियासत से होती।
मगर उनका कहना हमारी तरक़्क़ी-
पुलिस महकमे में हिरासत से होती॥
-डॉ० डंडा लखनवी
साहित्य एवं कला जगत की ख़बरों पर पैनी चोंच
मुक्तक
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वाह! क्या बात है !
बेहतरीन। लाजवाब।
बहुत ही सुन्दर रचना
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