लेकिन इधर सुनते हैं की तुनिशिया,मिस्त्र, यमन, लीबिया आदि मुल्कों में इस दिवस को याद किया गया है , मनाया है। खबर है या अफवाह पता नहीं। हमे क्या लेना जी ।
वैसे खबर ये भी है-शायद अफवाह हो, कि देश के दूरदराज इलाकों में, जो दिल्ली से दूर हैं, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु,चंद्रशेखर, बिस्मिल व कई अन्य नामों के व्यक्तियों कि तलाश चल रही है, उन्हें वहां देखा गया है।
दांतेवाडा में जो कुछ अभी कुछ दिन पहले हुआ वो उसी धर पकड़ का नतीजा है।
इसी धर पकड़ में कुछ इस किस्म के स्वर भी सुनाई दिए- " निसार मैं तेरी गलियों के एय वतन के जहाँ चली है रस्म के कोई न सर उठा के चले ..... "