इस काठ जैसे कठिन समय में जब साहित्य या कला से जुडी पत्रिकाओं को प्रकाशित करना एक बड़ी चुनौती बन गयी हो उस समय में काठ को भेदने वाले कठफोड़वे की जरूरत है...
-
आज 1 मई 2024 है..! एक मई, यानी मजदूर दिवस। रोजा लक्जमबर्ग ने कहा था, ‘ जिस
दिन औरतों के श्रम का हिसाब होगा, इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी पकड़ी जाएगी।
हजा...
हलकान
-
थक चुकी हूँ मैं
इस इंतजारी में,
और तुम?
कि बने बेहतर,
खूबसूरत और मेहरबां दुनिया?
चलो चाकू ले,
बींच चीर दे दुनिया
देखें, चमडी खा रहे हैं,
कौन से कीड़े,...
-
*एक “गे”(समलैंगिक) का प्रधानमंत्री को पत्र*
*प्रशांत कुमार दुबे *
*10 दिसंबर, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस*
*प्रति,*
*माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र ...
एनआरसी
-
*पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों तक पहुंची असम की आंच*
*30* जुलाई को असम में प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का व्यापक
असर पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों ...
हाशिये के बीच
-
मैं कुछ लोगों को राजी नहीं कर पाया
इसका मुझे खेद है
मैं बताने को तैयार हूँ, पर वो
सुनना नहीं चाहते,
मैं मरने को खड़ा हूँ, और वो
भागने को मुश्तैद!
शायद.......
-
रविवार, 8 सितंबर 2013
एक पत्रकार की मुजफ्फरनगर दंगे में मौत
भाई राजेश वर्मा.. मुजफ्फरनगर के मेरे पत्रकार मित्र...जिनसे मैं कभी नहीं
मिला.. एक ही बार बात हुई...
SATYAjiT RAY
-
A master storyteller, Satyajit Ray belongs to the highest echelons of
world cinema. Regarded as one of the greatest filmmakers of all time, Ray
mastered t...
हम लूज़रों की कहानी
-
लूजर कहीं का! हम सबकी कहानी हो सकती है। उनकी कहानी हो सकती है जो प्यार में
हारे हैं, या छलावे में जीते हैैं। जिन लोगों ने खुद को खोकर ही खुद को पाया
है, उ...
-
We Don’t Need Genetically Engineered Bananas For Iron Deficiency
------------------------------
By Vandana Shiva
Saturday, April 27, 2013
The latest insan...
एक आँख वाला इतिहास
-
मैंने कठैती हड्डियों वाला एक हाथ देखा--
रंग में काला और धुन में कठोर ।
मैंने उस हाथ की आत्मा देखी--
साँवली और कोमल
और कथा-कहानियों से भरपूर !
मैंने पत्थरों...
the royal vase
-
The Royal Vase
Even though we had stepped into our new house, the question of the royal
vase was there. Not only that, just to prove the significance of its...
श्रद्धांजलि स्मरण: विश्वंभरनाथ उपाध्याय
-
*एक औघड़ चिंतक और रचनाकार - हेतु भारद्वाज*
सन् 2008 में हिन्दी के जिन लेखकों का देहांत हुआ उनमें डॉ. विश्वम्भरनाथ
उपाध्याय एक बहुत बड़ा नाम था किन्तु हि...
-
LACHO, Mumbai, May 2008
When I first saw her, I saw a young girl with very innocent face. I
couldn’t think or know what she could have gone through. I kn...
प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था का स्वरूप
-
प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था का स्वरूप
स्वशासन के लिए बनी किसी भी संस्था की सफलता के लिए पहली शर्त तो यही है कि
उसमें सत्ता सीधे लोगों के हाथ में ह...
-
*आतंकवाद और गांधीवाद*
आतंकवाद के समय में गांधी
राजकिशोर
महात्मा गांधी का संदेश अगर कहीं बहुत कमजोर और असहाय नजर आता है, तो वह
आतंकवाद का मुद्दा है। जब शहर...
सही फ़ैसला. मज़बूरी और जन आन्दोलन का डर.
-
मेरे पिछले दो पोस्ट मे मैंने चुनाब पर कुछ लिखा था। उसका सीधा संबंध इंदिरा
गाँधी , स्वर्ण मन्दिर , चौरासी का वर्ष , कांग्रेस के उमीदवारों और एक आम
आदमी के व...
लोकतन्त्र -मदन कश्यप की कुछ त्रिपदियाँ
-
एक लोकतन्त्र में तुम्हे हक है किसी को भी चुन लेना का मगर कुछ भी बदलने का
नहींतुम्हे पता भी नहीं होता तुम्हारे द्वारा चुने जाने के पहले कोई उसे चुन
चुका होत...
-
*Cherrapunji*
Evening home of clouds
Above town, this village
Where the noonglow’s a special guest
Digging its heels in the mist;
Here, memories of splashi...
Comments :
एक टिप्पणी भेजें